ऑफर ऑफ़ पजेशन पत्र के नाम पर चल रही प्रमोटर्स की मनमानी पर रेरा लगाएगा रोक, तैयार किया खास प्रारूप, जानें डीटेल्स
ऑफर ऑफ़ पजेशन पत्र के नाम पर किसी भी प्रकार का डिमांड नोटिस, फाइनल डिमांड नोटिस या इससे मिलती जुलती भाषा के नाम से भेजे पत्र मान्य नहीं होंगे. ऑफर ऑफ़ पजेशन का पत्र विकास प्राधिकरण से परियोजना का ओसी/ सीसी प्राप्त होने के बाद ही भेजा जाएगा.
प्रमोटर्स की तरफ से ऑफर ऑफ़ पजेशन पत्र के जरिए की जा रही मनमानी पर अब रोक लगेगी. उत्तर प्रदेश रेरा की तरफ से ऑफर ऑफ़ पजेशन के पत्र का एक मॉडल प्रारूप रेरा पोर्टल पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे प्रमोटर्स और उनके अलॉटी यानी आवंटियों के बीच होने वाले विवाद भी खत्म होंगे.
प्राधिकरण की तरफ से 29 मई 2024 को इसे लेकर एक आदेश भी जारी किया गया है. इसमें यह साफ किया है कि पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप पर ही प्रोमोटर्स की तरफ से आवंटियों को ऑफर ऑफ पजेशन के पत्र भेजे जाएंगे. साथ ही कहा है कि इस नाम के पत्र के जरिए प्रोमोटर्स की तरफ से किसी भी प्रकार से आवंटी पर कोई बाध्यकारी परिस्थिति नहीं थोपी जाएगी.
प्रमोटर्स की तरफ से आवंटियों को कब्जे के ऑफर से जुड़े पत्र ओसी/सीसी मिलने के बाद उन्हें लिखित रूप में भेजने होंगे. यह पत्र आवंटियों की रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भी बेजनी होगी और साथ ही डाक के जरिए शख्स के पते पर भी भेजनी होगी. इतना ही नहीं, इस बारे में उन्हें फोन कर के और एसएमएस भेज कर सूचित भी किया जाएगा. इस बारे में प्रमोटर्स को परियोजना स्थल और अपने मुख्य कार्यालय में भी सूचना देनी होगी.
TRENDING NOW
Jharkhand Election Results Live Updates: झारखंड चुनाव के आने लगे रुझान, इंडी गठबंधन को पीछे करते हुए भाजपा आगे
मल्टीबैगर Railway PSU के लिए खुशखबरी! बाजार बंद होने के बाद मिला ₹837 करोड़ का ऑर्डर, स्टॉक पर रखें नजर
Maharashtra Winners List: महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कौन जीता, कौन हारा- देखें सभी सीटों का पूरा हाल
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
प्रमोटर्स की तरफ से आवंटियों को जारी किए जाने वाले ऑफर ऑफ पजेशन पत्र से जुड़ी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए ये अहम कदम उठाया गया है. साथ ही पत्र के कई अलग प्रारूप को भी ध्यान में रखा गया और ऑफर ऑफ पजेशन का मॉडल प्रारूप लाया गया है. उम्मीद की जा रही है कि इससे इस पत्र की भाषा और उद्देश्य में एकरूपता लाई जा सके. ऑफर ऑफ़ पजेशन सम्बन्धी पत्र का मूल आशय यही आना चाहिए कि आवंटी को उसकी यूनिट का कब्ज़ा देने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है.
अगर यूनिट में निर्माण संबंधी कोई काम बचा है, तो प्रमोटर्स की तरफ से बचे हुए काम और उसे पूरा होने में लगने वाले समय की जानकारी भी देनी होगी. अगर आवंटी की देनदारी है तो वह एग्रीमेंट फॉर सेल की परिधि से बाहर नहीं होना चाहिए और उसका विधिक औचित्य साबित होना चाहिए. ऑफर ऑफ़ पजेशन के नाम पर किसी भी प्रकार का डिमांड नोटिस, फाइनल डिमांड नोटिस या इससे मिलती जुलती भाषा के प्रयोग से प्रेषित पत्र को ऑफर ऑफ़ पजेशन पत्र नहीं माना जाएगा.
प्रमोटर्स की तरफ से परियोजना की ओसी/सीसी प्राप्त होने के 2 महीने के अंदर ऑफर ऑफ़ पजेशन के पत्र जारी करने होंगे. साथ ही पजेशन के समय ओसी/सीसी प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि भी आवंटियों को देनी होगी. आवंटी की तरफ से ऑफर ऑफ़ पजेशन पत्र प्राप्त किए जाने के बाद आगे की प्रक्रिया के अनुसार काम करने की जिम्मेदारी आवंटी की होगी.
उ.प्र. रेरा अध्यक्ष, संजय भूसरेड्डी के अनुसार, "प्रमोटर्स ऑफर ऑफ़ पजेशन के नाम और भाषा का इस्तेमाल करते हुए फाइनल डिमांड लेटर और फाइनल डिमांड नोटिस भेजा जाता है. यह तमाम आवंटियों को भ्रमित करता है और कई मामलों में बाध्यकारी होता है. ऑफर ऑफ़ पजेशन का तात्पर्य केवल कब्ज़ा प्राप्त करने के उद्देश्य से जुड़ा होना चाहिए. इस कारण हमने ऑफर ऑफ़ पजेशन का एक मॉडल पोर्टल पर उपलब्ध कराया है और इससे अलग कोई भी फॉर्मेट का पत्र मान्य नही होगा. इससे हितधारकों को किसी प्रकार का भ्रम नहीं होगा और इससे जुड़े विवादों का निस्तारण किया जा सकेगा."
04:55 PM IST